Friday, November 5, 2010

श्रीलक्ष्मीजी की आरती

मा तू लक्ष्मी कृपा करो, करो हृदय मे बास,
मनोकामना सिद्ध करो, याही हमारी आस I
हाथ जोड बिनती करू, तुम घर करो निवास,
मनसामार्थ्य से पूर्ण भरो, यही भक्त की आस II

बोलो त्रिपुरसुन्दरी, कमला कामेश्वरी नंदामाता की जय II

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय नंदामाता,
निसदिन करे जो तेरी आरती, सुख संपती पाता,
ओम जय नंदामाता II १ II

तू ब्रह्माणी, तू रुद्राणी, तू कमला माता, मैया तू कमला माता,
सूर्य चंद्र तेरी करते पूजा, ऋषी तेरे गुण गाता II २ II

तू ही अणिमा, तू ही महिमा, तू गरिमा माता, मैया तू गरिमा माता
सारा जग है तेरे अधिना, तेरी आरती गाता II ३ II 

कमलबासिनी, कमलानयनी, कमलांगी माता, मैया तू कमला माता
कमल से कोमल तेरा मनवा, दुख हरता माता II ४ II

जब जब प्रभू ने जनम लियो, तुने की सेवा, मैया तुने की सेवा
सीता, लक्ष्मी बनी पार्वती, तू नंदामाता II ५ II

मै नही जानू किस बिधि पूजा, मै मूरख माता, मैया मै मूरख माता
कृपा करो जगजननी, जगवाहिनी माता II ६ II

चार भुजा शोभित तुज अंगा, तू गंगा माता, मैया तू गंगा माता
अभय हस्त से कृपा तू करियो, द्वार खडा माता II ७ II

जो कोई करता तेरी सेवा, पाप उतर जाता, मैया क्षमादान पाता 
आनंद हिय मोहे उपजे, वैभव निधी पाता II ८ II 

श्री सुबीज ये यंत्र, जो सुमरे माता, मैया जो पूजे माता
घर को स्वर्ग बनाये, नारायणी माता, ये श्रीनंदामाता II ९ II

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय नंदामाता,
निसदिन करे जो तेरी आरती, सुख संपती पाता,
ओम जय नंदामाता II

II दोहा II

अभयदायनी, भवतारिणी, आदिशक्ती तू मात
दया करो मुझ दास पर, आस धरू दिनरात,
माता लक्ष्मी शारदा, जो जन आते पास,
उनके दुख तुम दूर करो, करो समूल विनाश I 
बोल त्रिपुरसुन्दरी, कमला कामेश्वरी नंदामाता की जय II

No comments: